BJP का ‘मास्टर स्ट्रोक, AAP के सामने आदिवासी वोट साधने के लिए नड्डा ने किया ‘गौरव यात्रा’ का शुभारंभ

BJP का ‘मास्टर स्ट्रोक, AAP के सामने आदिवासी वोट साधने के लिए नड्डा ने किया ‘गौरव यात्रा’ का शुभारंभ

अहमदाबाद
भाजपा की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आदिवासी वोटरों को साधना है। दरअसल, आदिवासी वोटर परंपरागत रूप से कांग्रेस को वोट देते आए हैं, अब आम आदमी पार्टी इन वोटरों को लुभाने में जुटी है।

गुजरात में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को आम आदमी पार्टी (AAP) से कड़ी टक्कर मिल रही है। आप नेताओं की जनसभाओं में होने वाली भीड़ ने भाजपा ‘थिंकटैंक’ की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में वोटरों को साधने के लिए भाजपा ने अपना मास्टर स्ट्रोक चला है।

भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को राज्य के महेसाणा से ‘गुजरात गौरव यात्रा’ का शुभारंभ किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यात्रा को रवाना किया। इस दौरान कई नेता मौजूद रहे। बता दें, यह यात्रा पांच अलग-अलग मार्गों पर निकाली जाएगी। इस दौरान जेपी नड्डा ने कहा, ‘गौरव यात्रा’ सिर्फ गुजरात के लिए नहीं है, यह पूरे भारत का गौरव स्थापित करने की यात्रा है। देश को विश्व मानचित्र पर फिर से स्थापित करने, आत्मनिर्भर, विकसित करने वाली ‘गौरव यात्रा’ की ‘गंगोत्री’ गुजरात है, यह सौभाग्य की बात है।

कांग्रेस ने गुजरात की विकास यात्रा को भटकाया
नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, कांग्रेस ने वर्षों तक क्या किया? भाइयों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया, एक-दूसरे के खिलाफ क्षेत्र और जहां पानी की जरूरत थी वहां पानी की आपूर्ति नहीं की। जो विकास की यात्रा चलानी थी उसे अटकाया, भटकाया और लटकाया। लेकिन अब वे खुद फंस गए हैं।

आदिवासी वोटरों पर होगा फोकस
भाजपा की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य आदिवासी वोटरों को साधना है। दरअसल, आदिवासी वोटर परंपरागत रूप से कांग्रेस को वोट देते आए हैं, अब आम आदमी पार्टी इन वोटरों को लुभाने में जुटी है। ऐसे में भाजपा ने अपनी यात्रा के लिए जिन मार्गों को चुना है, उनका उद्देश्य ऐसे ही वोटरों पर अपनी पकड़ को मजबूत बनाना है।

तीसरी बार गुजरात में ‘गौरव यात्रा’
यह तीसरी बार है कि भाजपा ने गुजरात में गौरव यात्रा की शुरुआत की है। इससे पहले 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 सांप्रदायिक दंगों के बाद यह यात्रा निकाली थी। इसके बाद 2017 के चुनावों में भी इसी तरह की यात्रा लॉन्च की गई थी। दोनों ही बार फायदा भाजपा को हुआ है। 2002 में, भाजपा ने कुल 182 सीटों में से 127 सीटें जीती थीं। वहीं, 2017 में पार्टी को 99 और कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों गौरव यात्रा में मिले फायदे से भाजपा उत्साहित है, उसे यकीन है कि इसका फायदा इस बार भी होगा।

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